नमस्कार दोस्तों ! आपका स्वागत है हमारे आर्टिकल में जहां हम अक्सर यात्रा से जुड़े एक से बढ़कर एक जगहों के बारे में जानकारी लेकर आते हैं। इस बार हम यात्राओं के शौकीन लोगों के लिए एक ऐतिहासिक किले की जानकारी लेकर आए हैं, जिसे भारत के सबसे बड़े किले के रूप में जाना जाता है और उसकी भव्यता एवं आकर्षण पर्यटकों के मनोरंजन का केंद्र रही है।
यहां हम आपको बताने वाले हैं ग्वालियर के किले के बारे में पूरी जानकारी, जिसके अंतर्गत ग्वालियर किला का इतिहास (Gwalior Fort history), ग्वालियर किले का निर्माण एवं ग्वालियर किले के अंतर्गत आने वाले दर्शनीय स्थलों के साथ-साथ इसकी भव्यता का भी वर्णन किया है। इतना ही नहीं यदि आपने ग्वालियर किले तक जाने या वहां घूमने की प्लानिंग कर ली है तो वहां पहुंचने के लिए विभिन्न मार्गों के बारे में भी हमने इस आर्टिकल में वर्णन किया है। तो चलिए बिना किसी देर किए जानते हैं Gwalior ka kila के बारे में पूरी जानकारी।
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ग्वालियर की प्रसिद्धि का कारण (Why Gwalior is Famous)
ग्वालियर एक ऐसा शहर है जहां चारों ओर रौनक मची होती है जो इस किले को आकर्षण का केंद्र बनाता है। पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ यह प्रशासनिक केंद्र भी है। ग्वालियर का किला भारत में स्थित विशाल तथा महत्वपूर्ण किलों में से एक माना जाता है जिस कारण ग्वालियर की किले को भारत का ‘जिब्राल्टर’ तक कहते हैं।
दरअसल इस किले का निर्माण 18वीं सदी में राजा- महाराजाओं ने आक्रमणकारियों से अपने महल की रक्षा हेतु बनाया था, इसलिए इसका निर्माण बहुत ही रक्षात्मक ढंग से किया गया है। इस किले में दो महल है- एक गुजरी महल तथा दूसरा मान मंदिर। इसके अलावा यहां और भी बहुत से ऐसे आकर्षण के केंद्र है जो पर्यटकों तथा यात्रियों को ना केवल लुभाते हैं साथ ही ग्वालियर की प्रसिद्धि का कारण भी बनते हैं। ग्वालियर में कुछ ऐसे किले मिले हैं जो 727 साल पुराने हैं। इनकी रिसर्च से पता चला है कि उस दौरान राजपूतों का शासन था।
राजवंशों ने दूसरे देशों से रक्षा के लिए इनकी किलों का निर्माण करवाया था, इन किलो का इतिहास ग्वालियर के पूर्व भाग से जुड़ा हुआ माना गया है। ग्वालियर में चतुर्भुज मंदिर भी मिले हैं जो उस समय भगवान विष्णु की पूजा का भी संकेत देते हैं। चतुर्भुज मंदिर का निर्माण लगभग 875 ई. पूर्व करवाया गया था, जिसका संबंध वहां के तेली मंदिर से है। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि वहां हिंदू राजवंशों का भी शासन था। किंतु 15 वीं शताब्दी से पूर्व Gwalior Fort पर कछवाह तथा प्रतिहार शासकों का शासन था।
ग्वालियर के किले का निर्माण (When Gwalior Fort was Built)

इतिहासकारों का मानना है कि ग्वालियर में मिले शिलालेख करीब-करीब 1500 वर्ष पुराने शिलालेख हैं। इसके अलावा पूरे विश्व में “शून्य” का दूसरा सबसे प्राचीनतम रिकॉर्ड ग्वालियर के मंदिर से ही प्राप्त किया गया है। ग्वालियर से प्राप्त अवशेषों से जानकारी मिली कि यहां पहले तुर्की शासक, पाल वंश, राजपूत तथा तोमर जैसे राजवंशी शासन करते थे।
रिसर्च से पता चला कि 1486 – 1516 CE में राजा मानसिंह तोमर ग्वालियर पर शासन करते थे, जिन्होंने ग्वालियर के किले (Gwalior kila) तथा उसमें स्थित दो महलों को बनवाया। जानकारों का मानना है कि राजा मानसिंह तोमर ने अपनी प्रिय रानी मृगनयनी के लिए गुजरी महल का निर्माण करवाया था।
ग्वालियर किला का इतिहास (Gwalior Fort History)
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित ग्वालियर किला भारत के कई महत्वपूर्ण किलों की सूची में शामिल है। भारत का सबसे बड़ा किला ग्वालियर का किला है। Gwalior Fort का इतिहास (Gwalior Fort history) की बात करें तो बता दें कि ग्वालियर किले का निर्माण आठवीं शताब्दी में किया गया था।
इस किले के निर्माण के बाद कई राजाओं, मुगल शासकों और ब्रिटिश सरकार ने भी यहां शासन किया। ग्वालियर के किले की इतिहास की बात करें तो इस इतिहास को दो भागों में बांटा गया है। दोनों भागों में मुख्य रूप से मान मंदिर पैलेस और गुर्जरारी महल शामिल है।
1519 ई. में इब्राहिम लोदी जो कि लोधी राजवंशी है उन्होंने इस किले को युद्ध में जीता था, जिसकी मृत्यु के पश्चात मुगल सम्राट ने इस किले पर अपना कब्जा कर लिया था किंतु शेरशाह सूरी से युद्ध के दौरान हुमायूं हार गए जिसके पश्चात सूरीवंश के शासकों ने इस किले पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
1519 में लोधी राजवंश के इब्राहिम लोधी ने इस किले को सूरी वंश से जीता था, इसके बाद उनकी मृत्यु के पश्चात मुगल सम्राट ने किले पर अपना अधिकार कर लिया। ठीक इसके बाद शेरशाह सूरी द्वारा हुमायूं को हरा दिया गया। हुमायूं के हारने के साथ ही इस किले पर पूर्ण रूप से शेरशाह सूरी का कब्जा हो गया। अब तक यह किला सूरी वंश के शासकों के हाथ में आ गया। 1540 ई. में अकबर की सेनाओं ने शेर शाह सुरी को हराकर फिर से उसके किलें पर अपना अधिकार कर लिया। राजा विक्रमादित्य ने 1556 ई. में अकबर को हराकर पुनः ग्वालियर के किले को अपने अधिकार में ले लिया और वहां ‘हिंदू राज’ स्थापित किया।
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ग्वालियर किला में घूमने के लिए प्रमुख स्थान (Places to Visit in Gwalior ka Kila)
यदि आप मध्यप्रदेश जाते हैं और यहां Gwalior Fort में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यहां एक से बढ़कर एक ऐसे स्थान मौजूद हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। ग्वालियर किला में घूमने के लिए प्रमुख स्थानों का जिक्र किया जाए तो इसके अंतर्गत सिद्धाचल जैन मंदिर की गुफाओं और उर्वशी मंदिर के साथ साथ गोपाचल पर्वत काफी प्रसिद्ध है।
यहां के मंदिरों की मूर्ति, इसकी वास्तु कला एवं यहां की भव्यता इसके संस्कृति का एक महत्वपूर्ण चित्रण करती है। यहां का उर्वशी मंदिर ऐसा है, जिसकी मूर्ति 58 फीट से भी अधिक ऊंची है। यहां के कुछ मंदिरों में पौराणिक समय में बनाए हुए कई स्मारक, मूर्तियां एवं धार्मिक वस्तुएं मौजूद हैं, जो आज भी ज्यों की त्यों रखी हुई है।
Gwalior Fort के पास तेली का मंदिर, गरुड़ स्तंभ ग्वालियर और सहस्त्रबाहु मंदिर भी यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। इसके साथ ही दाता बंदी छोड़ गुरुद्वारा, मान मंदिर महल, जौहर कुंड, हाथी पोल गेट, कर्ण महल और विक्रम महल भी यहां की भव्यता साबित करने में किसी भी तरीके से पीछे नहीं हटते।
ग्वालियर के किले में मौजूद भीम सिंह राणा की छत्री भी घूमने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों की सूची में आता है। यदि आप ग्वालियर का किला घूमने जाते हैं तो यहां बताए गए प्रमुख दर्शनीय स्थलों पर भी जरूर जाएं। यहां हमने जिन मंदिरों के बारे में बताया है, वे काफी पुराने एवं भव्य मंदिर हैं, जो ग्वालियर के किले की शान हैं।
ग्वालियर किला जाने के बाद रुकने के लिए स्थान (Places to Stay Near Gwalior Fort)
यदि आप खासकर Gwalior Fort घूमने के लिए मध्यप्रदेश जा रहे हैं, तो वहां रुकने के लिए आपको स्थान देखना जरूरी होता है। इसकी जानकारी रखना वहां के पर्यटकों के लिए बेहद आवश्यक है। तो बता दें कि ग्वालियर किला के आसपास ऐसे होटल्स मौजूद हैं, जो लग्जरियस भी होते हैं और बजट के अंदर आने वाले भी होते हैं। यदि आप लग्जरी वाले होटल बुक करते हैं तो आपको थोड़े अधिक पैसे देने पड़ते हैं लेकिन यदि आप अपने बजट के अंदर होटल देखते हैं तो वह भी आपको आसानी से मिल जाता है।
यदि आप होटल बुक करना चाहते हैं तो ग्वालियर के किले के पास मौजूद होटल में आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीके से होटल बुक कर सकते हैं। बात करें यहां के होटलों के भाड़े की तो बता दें कि यहां आपको कम से कम 700 रुपए से 3,000 रुपए तक होटल मिल जाते हैं।
ग्वालियर किला घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time to Visit Gwalior Fort)

किला घूमने से पहले उसके समय के बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि जब तक यहां आने वाले पर्यटकों को ग्वालियर किला घूमने का सही समय नहीं मालूम होगा तब तक वह यहां आकर सही लुफ्त नहीं उठा सकेंगे। ऐसे बात की जाए समय की तो साल भर में कभी भी आप यहां आकर घूम सकते हैं। क्योंकि पर्यटकों के घूमने के लिए इस जगह को हमेशा खुला ही रखा जाता है।
लेकिन वहीं यदि विशेष महीने की बात की जाए तो सर्दियों के मौसम में ग्वालियर का किला घूमना एक अच्छा विकल्प साबित होता है। सर्दियों के मौसम में यहां अधिक धूप नहीं होती है, जिससे पर्यटकों को यहां घूमने में कोई और परेशानी नहीं होती है। पूरे महीने में दिसंबर से लेकर फरवरी तक का समय सर्वोत्तम माना जाता है।
ग्वालियर किला जाने के विभिन्न तरीके (How to Reach Gwalior Kila)
ग्वालियर का किला जो कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित है, वहां जाने के लिए आप तीनों तरीकों बस, ट्रेन तथा हवाई जहाज की सुविधा लेकर आसानी से पहुंच सकते हैं। ग्वालियर एक प्रसिद्ध स्थान है जिस कारण वहां पहुंचने का सारी सुविधाएं उपलब्ध है कुछ इस प्रकार :-
हवाई जहाज द्वारा पहूचें ग्वालियर किला (By Air)
ग्वालियर के किला जो की भारत का प्रसिद्ध स्थान है इस कारण यहां शहर के मध्य से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर एक हवाई अड्डा भी है। हवाई अड्डे में उतरने के पश्चात या फिर ग्वालियर से हवाई अड्डे तक जाने के लिए आपको वहां से local टैक्सी तथा बसें आसानी से मिल जाती हैं, जिसकी सहायता से आप ग्वालियर के किले तक पहुंच सकते हैं।
ग्वालियर से बड़े-बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, भोपाल, जयपुर, आगरा तथा इंदौर के लिए flight की सुविधा भी मिल जाती है। दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा ग्वालियर से लगभग 321 किलोमीटर ही दूर है। यहां के पर्यटकों के लिए यह बहुत ही सुविधाजनक हवाई अड्डा है जिससे दूसरे देशों के यात्री भी ग्वालियर किला (Gwalior fort) घूमने आ सकते हैं ।
ट्रेन द्वारा पहूचें ग्वालियर का किला (By Train)
अगर आप हवाई जहाज द्वारा ग्वालियर नहीं आ सकते हैं तो ट्रेन द्वारा भी पहुंच सकते हैं। यदि आप कम बजट में मध्य प्रदेश के Gwalior ka kila घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ट्रेन का सफर आपके लिए सस्ता और बेहद सफल साबित हो सकता है। यहां लगभग भारत के सभी महत्वपूर्ण शहरों तथा पर्यटन स्थलों से कई ट्रेनें आती हैं।
पश्चिम तथा दक्षिण भारत से आने-जाने वाली लगभग सभी ट्रेनें ग्वालियर से होकर गुजरते वक्त रुकती हुई जाती है। यह दिल्ली-मुंबई तथा दिल्ली-चेन्नई रेल लाइन के लिए एक प्रमुख Rail junction भी है। देश के किसी भी कोने से जो भी ट्रेन से ग्वालियर की यात्रा करना चाहते हैं उनके लिए ट्रेन की सुविधा भी बहुत ही सुलभ एवं सीधी है।
बस द्वारा पहूचें ग्वालियर का किला (By Bus)
यदि आप मध्य प्रदेश के आसपास कहीं रहते हैं तो बस का सफर बेहद आसान और सस्ता हो सकता है क्योंकि ग्वालियर का किला जाने के लिए पर्यटन के लिए कई बसें संचालित होती हैं। आगरा के नजदीक एक मुख्य पर्यटन स्थल होने के कारण ग्वालियर का सड़क परिवहन भी बहुत अच्छा बन गया है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के कारण यहां की सड़कें काफी आरामदायक यात्रा कराने वाली है। ग्वालियर आने-जाने के लिए आपको private डिलेकस बस या राज्य की सरकारी बसें दोनों ही मिल जाएगी।
इसके अलावा Gwalior Fort में ऐसे-ऐसे पर्यटन स्थल मौजूद है जहां के लिए आपको डायरेक्ट बस की सुविधा भी मिल जाएगी। ग्वालियर एक आकर्षक पर्यटन स्थान होने के साथ-साथ एक मुख्य सैन्य तथा प्रशासनिक केंद्र भी है जिस कारण यहां आस-पास के गांव तथा शहरों तक की यात्रा को ना केवल सड़क माध्यम से जोड़ा गया तथा बहुत ही उत्तम बना दिया गया है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हम उम्मीद करते हैं कि ग्वालियर का किला (Gwalior kila) के बारे में आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी क्योंकि इस आर्टिकल में हमने Gwalior fort के बारे में सभी जानकारियों को आपके समक्ष रखा है। इसके अंतर्गत भारत में ग्वालियर के किले की प्रसिद्धि का कारण, ग्वालियर का इतिहास (Gwalior fort history), ग्वालियर घूमने के लिए सबसे अच्छा समय (Gwalior Fort timings) के साथ साथ ग्वालियर तक जाने के लिए रोड, ट्रेन और हवाई तीनों मार्गो के बारे में जानकारी दी है। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के किले तक पहुंचना आपके लिए बेहद आसान साबित हो सकता है।
यात्रा से जुड़े किसी भी पर्यटन स्थल के बारे में यदि आप कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं ताकि हम आपको उसकी जानकारी उपलब्ध करवा सकें। इसके साथ ही यदि आपको ग्वालियर का किला से संबंधित यह आर्टिकल पसंद आई है, तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इसकी जानकारी मिल सके।
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