नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आपका हमारे इस आर्टिकल में जहां भारत के विभिन्न स्थानों की यात्रा करने के शौकीन लोगों के लिए हम एक से बढ़कर एक घूमने के जगहों की पूरी जानकारी लेकर आते हैं। आज हम लेकर आए हैं एक बेहद ही शानदार टूरिस्ट प्लेस के बारे में पूरी जानकारी, जिससे आप वहां की ट्रिप आसानी से प्लान कर सकते हैं। यहां हम आपको बताने वाले हैं Golconda Fort के बारे में, जिसके अंतर्गत हमने गोलकुंडा किले का इतिहास, इसकी वास्तुकला एवं संस्कृति के अलावा गोलकुंडा किले घूमने जाने के लिए समय और यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में भी जिक्र किया है। इतना ही नहीं यदि आप गोलकुंडा किला जाना चाहते हैं, तो गोलकुंडा किले जाने तक के सफर एवं इसके सभी मार्गों के बारे में भी हमने यहां बताया है। तो चलिए जानते हैं Golconda Fort के बारे में पूरी जानकारी।
गोलकुंडा के किले का इतिहास (Golconda Fort History)

गोलकुंडा किले का इतिहास (Golconda fort history) काफी पुराना है। कहा जाता है कि यहां रहने वाले एक चरवाहे को इसी जगह एक मूर्ति प्राप्त हुई थी, जिसके बाद उस मूर्ति को चरवाहे ने वहां के राजा को दे दिया। जब राजा ने उस मूर्ति को देखा तब उन्होंने मूर्ति के चारों तरफ मिट्टी का एक विशाल किला बनाने का आदेश दिया। तभी इस किले का निर्माण हुआ और इस किले को गोलकुंडा किले के नाम से जाना जाता है।
गोलकुंडा किले को काकतीय राजवंश द्वारा 1143 ईसवी में बनाया गया था। इस किले का विकास भले ही 16 वीं शताब्दी में कुतुब शाही राजवंश के शासनकाल के दौरान हुआ था लेकिन देखा जाए तो 1518 में जब कुली कुतुब शाह ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा बहमनी सल्तनत से की, तब ही इस किले का निर्माण बुलंद संरचना के रूप में किया गया, जो 16 वीं शताब्दी तक केवल एक मिट्टी का किला था।
गोलकुंडा किले के इतिहास से संबंधित हमने कई सारी बातें एवं पौराणिक कथाओं को जाना लेकिन आपके मन में यह सवाल तो जरूर होगा कि गोलकुंडा किला कहां है (Where is Golconda Fort?), तो इस जानकारी के लिए बता दें कि यह हैदराबाद में स्थित है। Golconda fort history के अंतर्गत कहा जाता है कि लंबे समय के बाद औरंगजेब की नजर इस किले पर पड़ गई और उसने इस किले की घेराबंदी करने की ठानी। फिर 9 महीने तक लगातार प्रयास एवं घेराबंदी करने के बाद औरंगजेब 1687 में आखिरकार इसके लिए को तोड़ने में सफल हो गया।
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गोलकुंडा किले की वास्तुकला (Golkonda Fort Architecture)
गोलकुंडा का किला 400 फीट की पहाड़ी पर स्थित है, जिसका निर्माण सात किलोमीटर परिधि तक हुआ है। यहां घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह है जिसमें शाही हॉल, परेड मैदान के अलावा शाही अपार्टमेंट और मस्जिद भी आप घूम सकते हैं। हैदराबाद में गोलकुंडा किले की वास्तुकला यहां के पुराने एवं कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किए गए हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यहां की वास्तुकला केवल हैदराबाद में ही नहीं बल्कि भारत के विभिन्न शहरों एवं अन्य देशों में भी प्रसिद्ध है।
हिंदू-इस्लामिक वास्तु कला से निर्मित गोलकुंडा किले की भव्यता देखते ही बनती है। यही नहीं यहां तीन विशाल किलेबंदी की दीवारें भी मौजूद हैं। इस किले में रानियों और राजकुमारियों के रहने के लिए आवास भी निर्मित किए गए थे, जो आज भी काफी आश्चर्यचकित करती है। यहां के इन इमारतों और किले के इन आवासों को देखकर हम आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां केवल राजाओं का ही नहीं बल्कि रानियों का भी वर्चस्व दिखता है।
इस पूरे किले में कुल 8 दरवाजे एवं 87 गढ़ मौजूद हैं। इन आठों दरवाजों के बीच किले के मुख्य द्वार के रूप में फतेह दरवाजा है। यहां के दरवाजे काफी भारी एवं विशाल हैं, जो यहां आने वाले पर्यटकों को कहीं न कहीं आश्चर्य चकित कर देते हैं। 13 फीट चौड़े एवं 25 फीट लंबे इस दरवाजे की विशालता भी किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां एक बालाहीसर दरवाजा भी है, जिसे नवाबी शैली के साथ इसकी संस्कृति को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वहीं वर्तमान समय की बात करें तो किले के पूर्वी दरवाजे को ही पर्यटकों के घूमने और देखने के लिए रखा गया है, बाकी के सभी दरवाजे बंद हैं।
गोलकुंडा किले में घूमने के लिए जाने का समय
हैदराबाद में स्थित गोलकुंडा किला घूमने जाने के लिए आपको कुछ समय पहले इसकी प्लानिंग करनी होती है। इसके लिए सबसे अच्छा समय (Golconda Fort timings) साल भर में सितंबर से मार्च महीने के बीच है। इन महीनों में यहां की जलवायु काफी मध्यम होती है और पर्यटकों को किसी भी तरह की परेशानी भी नहीं होती है। ध्यान रहे कि गर्मी के मौसम में गोलकुंडा किले की यात्रा करना सुखद नहीं होता है। इसका कारण यहां की चिलचिलाती हुई गर्मी है क्योंकि हैदराबाद जैसे जगह में गर्मी के महीने में बहुत तेज गर्मी होती है, जिससे पर्यटकों को घूमने में असुविधा हो सकती है।
गोलकुंडा किले के खुलने और बंद होने का समय (Golconda Fort Timings)

यदि आप गोलकुंडा किले में घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो इसके समय की जानकारी होना यहां आने वाले पर्यटकों के लिए बेहद जरूरी है। कई बार यदि आप बिना जानकारी के पहुंच जाते हैं तो आपको वहां रुक कर अपना समय गंवाना पड़ता है। इसलिए गोलकुंडा किले के खुलने और बंद होने का समय जानना वाकई में जरूरी हो जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि गोलकुंडा किले का द्वार सुबह 9:00 बजे से खुलता है।
आपको बता दें कि यदि आप इसके पहले चले जाते हैं तो आपको वहां रुकना पड़ता है लेकिन यदि आप सही समय पर पहुंचते हैं तो आप बिना किसी रूकावट के गोलकुंडा किला घूम सकते हैं। इसके बाद यहां पर्यटक आकर आसानी से घूम सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि इस किले के बंद होने का समय शाम के समय 5:30 बजे है। यानी कि सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक आप आसानी से गोलकुंडा किले के विभिन्न जगहों में घूमने का आनंद ले सकते हैं।
गोलकुंडा किले के आसपास घूमने के लिए महत्वपूर्ण स्थल (Places to Visit Near Golkonda Qila)
गोलकुंडा किला हैदराबाद में बेहद मशहूर किला है, जहां पर्यटकों के घूमने के लिए भी शानदार स्थल हैं। यदि आप गोलकुंडा किला जाते हैं तो यहां आपको केवल किला ही नहीं बल्कि कई ऐसे आश्चर्य से भर देने वाले स्थल दिखाई देंगे, जो कहीं न कहीं या तो इतिहास एवं पौराणिक कथाओं से संबंधित होंगे अथवा पर्यटकों के मनोरंजन के लिए बनाए गए होंगे। गोलकुंडा किले के आसपास यदि आप घूमना चाहते हैं तो यहां चारमीनार, बिरला मंदिर और जगन्नाथ मंदिर के अलावा रामोजी फिल्म सिटी भी काफी प्रसिद्ध है। यहां का हुसैन सागर झील, सालारगंज म्यूजियम के साथ-साथ मक्का मस्जिद भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है।
यदि आपकी रुचि संग्रहालय देखने में है, तो बिरला विज्ञान संग्रहालय आपके लिए रोचक साबित हो सकता है। यहां नेहरू जूलॉजिकल पार्क, चिलकुर बालाजी का मंदिर, श्री रामचंद्र स्वामी मंदिर और स्नो वर्ल्ड मशहूर जगह है। स्नो वर्ल्ड की बात करें तो यहां आधुनिक तरीके से बनाई हुई बर्फ की दुनिया बेहद रोमांचक है।
गोलकुंडा का किला जाने के लिए प्रवेश शुल्क (Golkunda ka Kila Entry Fee)
गोलकुंडा का किला (Golconda Qila) घूमने के लिए सबसे पहले आपको प्रवेश शुल्क देनी होती है जिसके बाद ही आप इसके अंदर जाकर घूम सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि यदि भारतीय गोलकुंडा किला घूमने के लिए जाते हैं तो उन्हें केवल ₹5 प्रवेश शुल्क के रूप में देना होता है। वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए यह प्रवेश शुल्क ₹100 निर्धारित की गई है। यहां स्टील कैमरे के लिए ₹25 शुल्क है।
गोलकुंडा किले का साउंड एंड लाइट शो और प्रवेश शुल्क (Golconda Fort Light and Sound Show)
Golkunda ka kila में साउंड एंड लाइट शो पर्यटकों के मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि आपने गोलकुंडा किले में घूमने की प्लानिंग कर ली है या इसकी प्लान करने की सोच रहे हैं तो साउंड एंड लाइट शो का मजा जरूर लें क्योंकि यह यहां के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। बता दें कि यदि आप साउंड एंड लाइट शो देखने के लिए जाते हैं, तो कार्यकारी वर्ग में ₹140 वयस्कों के लिए और ₹110 बच्चों के लिए निर्धारित किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर सामान्य वर्ग में ₹80 वयस्कों के लिए एवं ₹60 बच्चों के लिए रखे गए हैं। इसके बाद आप साउंड एंड लाइट शो का भरपूर मजा ले सकते हैं।
गोलकुंडा किले में साउंड एंड लाइट शो के समय की बात करें तो यह शो दो बार होता है। जैसा कि हमने आपको पहले बताया साउंड एंड लाइट शो घूमने के लिए आपको टिकट करवानी होती है, जो 5:30 बजे खुल जाती है। यदि आप नवंबर से फरवरी महीने के बीच जाते हैं, तो पहला शो शाम 6:30 बजे और दूसरा शो शाम 7:45 बजे शुरू हो जाता है। वहीं यदि आप मार्च से अक्टूबर के बीच गोलकुंडा किले की यात्रा करना चाहते हैं, तो पहला शो शाम 7:00 बजे और दूसरा सो रात 8:15 बजे शुरू किया जाता है।
गोलकुंडा किला जाने तक का सफर (How to Reach Golkunda ka Kila)
हैदराबाद के सबसे महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों अथवा घूमने के जगहों में Golconda fort सबसे ऊपर श्रेणी में आता है। यदि आप गोलकुंडा किला घूमने की प्लानिंग बना रहे हैं तो आप भारत के चाहे किसी भी शहर से हों, आसानी से गोलकुंडा किला घूम सकते हैं क्योंकि जैसा कि हमने बताया यह हैदराबाद में अवस्थित है, तो हैदराबाद सभी शहरों से जुड़ा हुआ है। इस कारण आपको यहां घूमने में या पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होगी। तो आइए जानते हैं ट्रेन का सफर हो, रोड ट्रिप हो या फ्लाइट ट्रिप, कैसे आप गोलकुंडा किले घूमने के लिए बिना किसी परेशानी के जा सकते हैं।
गोलकुंडा किला जाने के लिए ट्रेन का सफर (How to Reach Golkunda Fort by Train)
हैदराबाद के गोलकुंडा किले में यदि आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो यह आपके लिए सहज हो सकता है क्योंकि हैदराबाद सभी स्थानों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। यहां तीन रेलवे स्टेशन सिकंदराबाद, हैदराबाद और काचीगुड़ा मौजूद हैं। उत्तर और दक्षिण भारत के लिए चलने वाली ट्रेन सिकंदराबाद से चलती है। यहां रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप Golkonda fort जाने के लिए टैक्सी कर सकते हैं, जो आपको सीधे गोलकुंडा किले के पास ही उतारती है।
गोलकुंडा किले तक जाने के लिए रोड ट्रिप (How to Reach Golconda Fort by Road)
हैदराबाद में गोलकुंडा किले तक जाने के लिए यदि आप रोड ट्रिप की प्लान कर रहे हैं तो यह भी आपके लिए बेहद आसान होगा क्योंकि यहां आप सरकारी बस या टैक्सी लेकर भी आसानी से Golkonda fort तक पहुंच सकते हैं। सिकंदराबाद में एक स्टेशन है जिसका नाम जुबली स्टेशन है, जो मुंबई, बेंगलुरु या चेन्नई से बस सेवा उपलब्ध करवाती है। राज्य के कई ऐसे शहर हैं, जो हैदराबाद से नेशनल हाईवे 44 की मदद से जुड़ते हैं। यदि आप आंध्र प्रदेश या तेलंगाना के रहने वाले हैं तो बस की मदद से आप रोड ट्रिप के जरिए हैदराबाद आसानी से पहुंच सकते हैं। इतना ही नहीं इसके अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के कई महत्वपूर्ण शहरों में बस की सुविधा मौजूद होती है, जो हैदराबाद पहुंचने में मदद करती है।
गोलकुंडा किला के सफर के लिए फ्लाइट ट्रिप (How to Reach Golconda Fort by Air)
हैदराबाद शहर राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। बता दें कि इस हवाई अड्डे से कई सारी भारतीय एयरलाइंस संचालित होती हैं, जिसमें मुख्य रुप से इंडिगो, स्पाइस जेट, एयर इंडिया और जेट एयरवेज शामिल हैं। चाहे आप किसी भी शहर में हों, इन हवाई जहाज की मदद से हैदराबाद तक पहुंच सकते हैं। यहां हवाईअड्डे तक पहुंचने के बाद आप बस अथवा टैक्सी लेकर हैदराबाद में Golkonda fort तक आसानी से जा सकते हैं।
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निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा Golconda fort के बारे में दी हुई सभी जानकारियां आपको पसंद आई होंगी। इस आर्टिकल में Golconda fort history, Golconda fort timings और Golconda fort पहुंचने का समय भी यहां बताया है, जो यहां पहुंचने में आपकी काफी मदद करेगा। बता दें कि Golconda Qila जाने के लिए सर्दियों या ठंड के मौसम बेहतर होता है। आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या परिवार के साथ भी Golkunda ka kila की यात्रा कर सकते हैं, जो आपके लिए कई बेहतरीन यादों में से एक होगा। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि इससे उन्हें भी Golconda fort के बारे में जानकारी मिल सके।